इन 5 भारतीय खिलाड़ियो को T20I से संन्यास ले लेना चाहिए, बोझ बन चुके हैं टीम में अब !

दोस्तो इन दिनो भारतीय क्रिकेट में जहां एक तरफ जबरदस्त प्रदर्शन देखने को मिल रहे है। वही दूसरी तरफ टीम में होने वाले बदलाव भी देखने को मिल रहे है। हालाकि इस समय भारतीय टीम की तरफ से किसी भी खिलाड़ी को मौका दिया जा रहा है। वो कही ना कही खुद को साबित करके ही बाहर आ रहा है। और इसी वजह से कप्तान और चयनकर्ताओं को खिलाड़ी चुनने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

लेकिन इनमें से कुछ खिलाड़ी ऐसे है, जो स्पेशल फार्मेट के लायक है। आज हम आपको ऐसे कुछ खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे है, जो वनडे क्रिकेट में तो खतरनाक है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट के हिसाब से पीछे है।

अर्जिक्य रहाणे

1. अजिंक्य रहाणे भारतीए क्रिकेट टीम के टेस्ट टीम के उपकप्तान अर्जिक्य रहाणे फिलहाल भारतीय टीम के सबसे खास खिलाड़ी में से एक है। हालाकि पिछले कुछ समय से अर्जिक्य खुद को साबित करने के लिए कई मुश्किलों से झूझते नजर आ रहे है। हालाकि अर्जिक्य को न सर्फ टेस्ट में बल्कि वनडे में भी मौका मिलेगा, तो वो खुद को साबित करने में पीछे नहीं रहेंगे। हालाकि नियमित रूप से अर्जिक्य को वनडे क्रिकेट में ज्यादा मौका नहीं मिलता है।

हालाकि रहाणे वनडे क्रिकेट के भी उम्दा खिलाड़ियों में से एक है। लेकिन टी20 क्रिकेट के चलते वो इसमें फिट नजर नहीं आ रहे है। हाल ही की बात करे, तो अर्जिक्य रहाणे की कप्तानी में ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट श्रृंखला में हराया था।

केदार जाधव

2. केदार जाधव दोस्तो केदार जाधव महाराष्ट्र के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक है। इनकी बल्लेबाजी लोगो को काफी प्रभावित करती है। और ये भारतीय टीम मध्यक्रम में खेलते है, लेकिन जब ये खेलते है, तो पूरा स्टेडियम बस इन्ही को देखने में लगा रहता है। और इस बात की गवाही इनके 2 वनडे शतक चीख चीख के देते है। अगर भारतीय टीम में इनके जगह की बात करे, तो पिछले एक साल से वनडे टीम के नियमित खिलाड़ी केदार जाधव ही है।

जो प्रदर्शन में भी काफी लुभाते हुए दिखे है। हालाकि टी20 टीम में कुछ बेहतरीन खिलाड़ियों के आ जाने से केदार टी20 को टीम में नियमित रूप से नही टिक पा रहे है। और ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि चयनकर्ताओं और कप्तान को शायद ऐसा ही सही लग रहा हो। ऐसे में केदार को भी टी20 में कमी करके वनडे पर ही अपना पूरा ध्यान देना चाहिए। ताकि आगे जाकर वो वनडे के और खतरनाक बल्लेबाज बन सके।

दिनेश कार्तिक

3. दिनेश कार्तिक दोस्तो अगर युवी के बाद किसी खिलाड़ी को फाइटर कहा जा सकता है, तो वह हैं दिनेश कार्तिक विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम में वापसी की थी। दिनेश कार्तिक ने वैसे तो आखिरी वनडे मैच विश्वकप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था,

लेकिन हैं वो शानदार फॉर्म में वनडे टीम में दिनेश कार्तिक अपनी काबिलियत दिखा चुके हैं और इसकी गवाही 9 अर्धशतक भी देते हैं। लेकिन, टी-20 टीम के लिए युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से कार्तिक को भारतीय टीम में स्थान मिलना अब आसान नहीं है। ऐसे में कार्तिक को अभी वनडे टीम में जगह पक्की करने को लेकर टी-20 क्रिकेट जेहन से निकाल देना चाहिए।

उमेश यादव

4. उमेश यादव भारतीए टेस्ट टीम के शानदार तेज गेंदबाज इस समय में काफी तेज़ी से ऊपर आ रहे है। टेस्ट टीम के जाने माने खतरनाक गेंदबाज के रूप में उमेश यादव काफी तेज़ी से आगे बढ़ रहे है। हालाकि भले ही उमेश यादव फिलहाल वनडे टीम में शामिल नही है। लेकिन इसके बावजूद उन्हे वनडे टीम में भी किसी से कम नहीं मान सकते है।

दोस्तो चाहे वो वनडे हो या टेस्ट मैच हर बार उमेश यादव ने तेज और सफल गेंदबाज के रूप में खुद को साबित किया है। लेकिन अगर इनके टी20 कैरियर की बात करे, तो वहां ये अपनी वनडे और टेस्ट मैचों वाली छाप छोड़ने में नाकाम रहे। और इसी वजह से अब उमेश को टी20 छोड़कर वनडे और टेस्ट में ही अपना पूरा ध्यान देना चाहिए।

मोहम्मद शमी

5. मोहम्मद शमी भारतीए टीम के स्विंग बोलिंग में माहिर बरखुरदार भुवनेश्वर के साथ भारतीय टीम में शामिल होने के बाद खतरनाक शुरवात करने वाले और अपनी गेंदबाजी से सबको हैरानी करने वाले मोहम्मद शमी जिनके बारे में कुछ भी कहना काम ही होगा। हालाकि मोहम्मद अपने कैरियर में खेलो से ज्यादा अपनी चोटों से परेमोहम्मद शमीशान रहते है।

अक्सर खेल के दौरान मोहम्मद शमी चोटिल हो जाते है। दोस्तो वैसे तो मोहम्मद शमी ने क्रिकेट के तीनो फॉर्मेट में भारतीय टीम का साथ बखूबी निभाया है। लेकिन मोहम्मद टेस्ट और एकदिवसीय मैच में ज्यादा आक्रामक नजर आए।

साल 2020 में अपने आखरी इंटरनेशनल मैच खेलने वाले और टेस्ट के लिए उपयुक्त तेज गेंदबाज शमी को वैसे इन दिनो में वनडे क्रिकेट में जगह मिलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब मोहम्मद को टी20 क्रिकेट में खेलने की वजह टेस्ट में ही ध्यान देना चाहिए। और वनडे क्रिकेट में नए युवा खिलाड़ियों को मौका देने की जरूरत है।