दोस्तो शायद ये बात आपको पता नही होगी। की जब भी क्रिकेट के मैदान में कोई भी गेंदबाज एक पारी में पांच या उससे ज्यादा विकेट हासिल करता है, तो वह इस गेंद को अपना लकी गेंद मानते है, और उसे अपने साथ घर लेकर जाते है। लेकिन यहां भारत के खिलाफ टेस्ट मैच में एक पारी में अपने पूरे 10 विकेट अपने नाम करने वाले एजाज पटेल ने ऐसा नही किया।
उन्होंने अपनी इस लकी गेंद को दान करने का फैसला किया। जिसकी जानकारी उन्होंने दी और मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष विजय पाटिल में एमसीए संग्रहालय के लिए 10 विकेट लेने वाली गेंद दान करने पर न्यूजीलैंड के स्पिनर एजाज पटेल की खूब तारीफ की और कहा की ये गेंद प्राइड ऑफ पैलेस (संग्रहालय का गौरव) होगी।
वही पाटिल ने पीटीआई भाषा से कहा, की एजाज पटेल में वानखेड़े स्टेडियम में जो पाया है, वह बहुत ही अद्भुत है। और ये तथ्य को उन्होंने ये कारनामा हमारे प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम में किया। इससे एक ऐतिहासिक मैदान की स्मृतियों में इजाफा हुआ है। बता दे, की एजाज पटेल मुंबई में ही पैदा हुए है। और अब ये 34 साल के हो चुके है।
ये बाएं हाथ के शानदार स्पिनर है। जिन्होंने इस महीने की शुरुवात में भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में एक पारी में 10 विकेट हासिल कर लिए और इतिहास रच दिया। वह जिम लैकर 1956 अनिल कुंबले 1999 के बाद ऐसा करने वाले दुनिया के तीसरे गेंदबाज बन चुके है।
ये कारनामा एजाज ने मुंबई में किया और उनका जन्म भी मुंबई का ही है। जिसके चलते ये पल उनके लिए और भी ज्यादा खुशनुमा था। पाटिल ने बताया, की एजाज में ये साबित कर दिया। की उसने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद एक पारी में 10 विकेट लेने वाली इस गेंद को हमे दान में दी। ये उनकी महानता है।
ये कुछ ऐसा है, की जिसे हम काफी सम्मान देते है। और ये हमारे एमसीए संग्रहालय का गौरव बढ़ाएगा। पाटिल ने आगे कहा, की ये संग्रहालय युवाओं को और भी ज्यादा प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा, की मुझे लगता है। की ये एक सही कदम है। क्योंकि मुंबई क्रिकेट की विरासत काफी बड़ी है। हमारे लगभग 80 खिलाड़ियों में इंटरनेशनल खेला हैं।
और भारतीय बल्लेबाज द्धारा बनाए गए रन का पांचवा हिस्सा उनके बल्ले से आया है। और हमारी समृद्ध विरासत को संरक्षित रखने का कदम मौजूदा और आने वाले खिलाड़ियों को आगे तक प्रेरित करता रहेगा। बता दे, की भारत के मुंबई वानखेड़े स्टेडियम में ही धोनी ने आखिर छक्के से साल 2011 का वनडे वर्ल्ड कप भारत ने जीता था।
पाटिल ने बताया, की वे बहुत यादगार पल थे। साल 2011 का वर्ल्ड कप निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे अच्छे और यादगार पल रहे है। और ये अद्भुत कारनामा भी वानखेड़े स्टेडियम में ही देखने को मिला था, जिसकी यादें आज भी हमारे दिलो में है। और हमेशा रहेगी।