दोस्तो भारतीय टीम में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी देखने मिले है। और भारतीय टीम में चाहे बल्लेबाज हो, गेंदबाज हो या स्पिनर हो सभी के बारे में कोई न कोई कहानी हमे भारतीय टीम से जुड़ी हुई देखने को मिल ही जाती है।
दोस्तो हमे भारतीय टीम के इतिहास में एक से एक स्पिनर सामने आए है। लेकिन भारत की तरफ से स्पिन गेंदबाजी के सबसे महान खिलाड़ी अनिल कुंबले थे। हालाकि अब वो टीम नहीं है, और उनके जाने के बाद ये जिम्मेदारी भारतीय टीम में आर अश्विन ने ही संभाली है। जो भारत के लिए टेस्ट टीम की जान है।
आर अश्विन का टेस्ट क्रिकेट में शुरू से अंत तक काफी शानदार प्रदर्शन रहा है। फिलहाल उन्हें वंशिंगतन सुंदर, और अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ियों के सामने चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन आर अश्विन की बात कुछ और ही है।
हालाकि आर अश्विन के लिए भले ही इन खिलाड़ियों से टक्कर का मामला हो, लेकिन इस बात से आर अश्विन बिलकुल निश्चिंत है। क्योंकि अश्विन का कहना है, की वो हमेशा अपनी तरफ से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करते है। और अगर किसी से चुनौती का सामना करना पड़े, फिर तो उन्हे इसमें और मजा आता है।
वही अश्विन में ये भी कहा, की जब क्रिकेट के दौरान उनमें किसी चीज की कमी आयेगी, और उनके अंदर उसे सुधार करने क्षमता नहीं रहेगी। और वो खुद ही क्रिकेट से सन्यास ले लेगे। आर अश्विन ने आईसीसी डॉट कॉम से बातचीत के दौरान बताया, की टेस्ट क्रिकेट की खूबी ये है, की आप हमेशा परफेक्ट बनने की कोशिश करते है। लेकिन आप उत्कृष्टता से भी खुशी हासिल कर सकते है।
इसलिए मैं ऐसा ही करता हु। आगे उन्होंने बताया, की मुझे लगता है, की मैने अपने कैरियर में अब तक जो भी हासिल किया है। वो इसी नजरिए के कारण है। क्योंकि मैंने कभी किसी चीज के लिए समझौता नहीं किया। लगातार सुधार की तलाश में रहता हूं। मैं एक बार फिर यही कहना चाहता हूं।
की अगर मुझे अलग चीज करना पसंद नहीं आएगा, मैं कुछ नया करने के लिए धीरज नहीं रख पाऊंगा, इतने में ही संतुष्ट हो जाऊंगा तो मैं कभी कुछ नहीं कर पाऊंगा। आर अश्विन ने भी माना की जो उनके प्रदर्शन पर सवाल उठाते है, मैं उन्हे जवाब देने में विश्वास रखता हूं। अश्विन में बताया, की ऐसा नहीं है कि मैं विवादों का लुत्फ उठाता हूं लेकिन मुझे संघर्ष करने में अच्छा लगता है और यही कारण है कि मैं यहां तक पहुंचा हूं।
मैं जीत का उतना जश्न नहीं मनाता जितना मुझे आदर्श रूप से मनाना चाहिए क्योंकि मेरे लिए जीत एक घटना भर है। मैं मानता हूं कि ये योजना और अभ्यास के समावेश से मिलती है। मैं जीतने के बाद भी बैठकर सोचता हूं कि इससे बेहतर क्या हो सकता है।
अगर साफ बात कहीं तो मैं वास्तव में कभी अपने प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान नहीं देता। अगर सच बोलूं तो मुझे ये बात बिलकुल पसंद ही नही है। की मैं किस वजह से पहचाना जाता हूं। भारत मैं आपकी बहुत तारीफ होती है। मैं सिर्फ एक साधारण व्यक्ति हूं। जो खेल खेलकर शांति पता हूं। और खुश रहता हूं।