दोस्तो क्रिकेट वर्ल्ड कप की टीम में अपनी टीम के लिए खेलना है एक इंसान बड़े बड़े सपने देखता है, हालाकि दोस्तो भारतीय टीम में प्रतिभा को कोई कमी नही है। घरेलू क्रिकेट से लेकर सीनियर स्तर तक भारतीय टीम में एक से बढ़कर एक खड़ी होगे। हालाकि वर्ल्ड कप के सभी को खेलने का मौका नहीं मिलता।
और एक बात की वर्ल्ड कप खिलाड़ियों के लिए सबसे खास तब बनता है, जब खिलाड़ी को ज्यादा रन बनाने के लिए गोल्डन बेल्ट उस गेंदबाज के लिए ज्यादा विकेट लेने पर रिकॉर्ड बने। और इसलिए भारतीय टीम में ऐसे बहुत से खिलाड़ी है, जिन्होंने अपने खेल के प्रदर्शन के चलते काफी लोगो को अपना दीवाना बनाया है।
बता दे की भारतीय टीम ने दो बार आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया है। हालाकि इसके अलावा टीम को एक बार हार का मुंह भी देखना पड़ा। और इसी बीच ऐसे कई खिलाड़ी सामने आए, जिन्होंने रन बनाकर देश और टीम का नाम ऊंचा किया हो।
और आज इस आर्टिकल में ऐसी ही 3 खिलाड़ियों की चर्चा की जा रही है। जो इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाकर गोल्ड मेडल के हकदार बने है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वल्ले सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट में जिस तरह अपना परचम लहराया है, उसके अनुसार वर्ल्ड कप में भी ऐसी अपेक्षा थी। 1996 के वर्ल्ड कप में उन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाए थे।
सचिन तेंदुलकर ने इस वर्ल्ड कप के सिर्फ 7 मैचों में 523 रन बनाए। इस दौरान सचिन के बल्ले से दो शतक और तीन अर्धशतक निकले। इस तरह पहली बार कोई भारतीय बल्लेबाज वर्ल्ड कप में गोल्डन बैट जीतने में सफल रहा था।
दोस्तो एक नाम राहुल द्रविड़ का भी है। जिन्होंने वनडे मैचों में भी शानदार प्रदर्शन किया है। और खेल के दौरान इनके पचास रन पूरे कब होते थे, ये पता नई चलता था।
फिर राहुल द्रविड़ ने 1999 के वर्ल्ड कप के रूप के एक गोल्ड मेडल हासिल किया। बता दे की इस कैच में राहुल द्रविड़ ने 8 मैचों में 461 रनो का फासला तय किया। जिसमे इसी दौरान उनके बल्ले से 2 श्ताक और 3 अर्धशतक सामने आए।
और इस कैच के सबसे अधिक बनाने वाला स्कोर 145 का है। हालाकि इस वर्ल्ड कप में 3 व्यक्तिगत स्कोर के सभी भारतीय और गांगुली थे। इनमे राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर भी थे। और इंग्लैंड में खेला गया वर्ल्ड कप राहुल द्रविड़ के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ।
सचिन तेंदुलकर ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें दो बार गोल्डन बैट मिला है। उन्होंने 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए वर्ल्ड कप में भी सबसे ज्यादा रन बनाए थे। इस दौरान तेंदुलकर ने 11 मैचों में 673 रन बनाए थे जो एक रिकॉर्ड है। नामीबिया के खिलाफ उन्होंने 152 रन की शतकीय पारी खेली थी।
तेंदुलकर के बल्ले से यह एकमात्र शतक आया था लेकिन उन्होंने छह अर्धशतक भी जड़े थे। भारतीय टीम को फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था।दोस्तो ये खिलाड़ी वर्ल्ड क्रिकेट में किसी भी पहचान का मोहताज नहीं है।
क्योंकि इंग्लैंड में साल 2019 में खेले गए वर्ल्ड कप में उन्होंने चारो तरफ से अपने नाम की गूंज फैला दी थी। और उनके सामने हर टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
बता दे, की इस वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा ने कुल 8 कैच खेले जहां उन्होंने 648 रनो का मुकाम हासिल किया। और इसी दौरान उन्होंने 5 शतक और 1अर्धशतक लगाकर गोल्डन बेल्ट पर जिस तरह से अपना नाम शामिल किया काबिले तारीफ था।